Relationship दो व्यक्ति का परस्पर आपसी संबंध को Relationship कहते है। ये संबंध मधुर, मजबूत, समर्पित, विश्वासपात्र, अच्छे , गहरे और बहुत भावनात्मक भी हो सकते है और ठीक इसके विपरीत भी जैसे अलगाव, ego (अहम) का होना, मन-मुटाव, लड़ाई, झगडा,विवाद, बहस,छोटी-छोटी बातो के बडे-बडे मुद्दे बन जाना, शक करना, एक दूसरे को नीचा दिखाना, बात न मानना, अपशब्द का उपयोग करना ये सब रिलेशनशिप की समस्याए है। ये समस्याओ के की कारण हो सकते है। बहुत से लोगों के सवाल होते हैं मेरे पास कि मैम आप बता सकती है कि जब आपस में नहीं बनती है या फिर प्यार की कमी है एक दूसरे की भावनाओं को जब नहीं समझ पाते हैं तो क्या यह कारण की वजह जन्मपत्रिका हो सकती है । हां बिल्कुल जन्मपत्रिका हो सकती है क्योंकि जन्मपत्रिका में कुछ ऐसे योग होते हैं जिनकी वजह से आपस में तालमेल नहीं बैठता है इसीलिए हम लोगों को कहते हैं और सलाह भी देते हैं की पत्रिका में गुण मिलाने से बहुत ज्यादा अच्छा है कि आप पत्रिका को बैलेंस करें जैसे माइनस माइनस प्लस होता है वैसे ही यदि किसी लड़के की पत्रिका में कोई – है या कोई नेगेटिव योग है तो वैसा ही योग हम लड़की की पत्रिका में भी देखेंगे नेगेटिव योग और दो नेगेटिव लोग मिलकर एक पॉजिटिव जीवन को जिएंगे और उन दोनों की मैत्री हो जाएगी इसलिए दो लोगों को जब भी आपस में संबंध स्थापित करना हो चाहे वह पार्टनरशिप लाइफ पार्टनर की हो या बिजनेस पार्टनर की दोनों की पत्रिका को अवश्य मिलाना चाहिए नहीं तो भविष्य में होने वाले परिणामों को भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए और यदि कोई संबंध गलत हो ही गया है तू भी हम कई तरीके से दोबारा उन चीजों की स्टडी करके उन नौ ग्रहों की स्टडी करके क्या गुंजाइश निकलती है उसको समझ कर इस समस्या का समाधान भी किया जाता है।
मुख्य कारण जो मैने अपने 25 साल के करियर मै अक्सर देखे है वो है।
1 ) एक दुसरे को समझ नही पाना । जैसे – सामने वाला क्या कहना चाहता उसको समझने से पहले ही रिएक्ट कर देना ( मुझे पता था तुम मना कर दोगे , और मना क्यो किया ये समझना ही नही है।) एक दूसरे को ना समझ पाने की वजह से भी आपसी संबंध में दूरी आती है। इस समस्या का समाधान हम जन्म पत्रिका में दोनों के लग्न लग्न के स्वामी की स्थिति को देखकर करेंगे।
2) एक दूसरे से इगो (अहम) का होना । जैसे – एक दूसरे की भावना (feeling) को ना समझना। अपने आप को हमेशा सही समझना और दूसरे को गलत समझना । सामने वाले को नीचा दिखाना। सबके सामने कुछ भी कह देना। अपने परिवार वालों एवं मित्रों से सामने वाले की बुराई करना। सामने वाले की बात को ना मानना। और मानने से यह लगना कि मैं उसकी गुलाम नहीं हूं। समर्पण की जगह इगो रखना । इको से भी आपसी संबंध में तालमेल बैठाने में बहुत समस्या का सामना करना पड़ता है। इस समस्या का समाधान हम दोनों की चंद्र राशि और उसके स्वामी की बैठक से करते है।
3 ) लव ट्रायंगल या एक का कैरेक्टर खराब होना। जैसे – सामने वाले की लाइफ में किसी और व्यक्ति का होना उसको बहुत ज्यादा महत्व देना या किसी भी अपोजिट लिंग के प्रति बहुत ज्यादा आकर्षित होना। एक दूसरे के फ्रेंड्स में बहुत ज्यादा इंवॉल्व होना अपने सहकर्मी के प्रति बहुत ज्यादा लगाव रखना। इससे भी आपसी संबंध में बहुत सारी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इस समस्या का समाधान हम दोनों की पत्रिकाओं के सातवें घर के स्वामी की बैठक और उसकी स्थिति से करते हैं।
4) अलगाव, मन-मुटाव जैसे- सामने वाले की किसी एक आदत को ना अपनापाने की वजह से या यह दोनों की कुंडली के लग्न के स्वामी की राशि की मित्रता ना होने की वजह से दोनों की आदतों और स्वभाव का बहुत अलग हो जाना और चाहते हुए भी एक दूसरे के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों का ना होना जब पत्रिका मिलान होता है तो उसमें सबसे पहले यह देखा जाता है कि दोनों का नेचर स्वभाव आपस में कितना तालमेल बैठ सकता है।
ऊपर बताए गए ये चार कारण बहुत ज्यादा देखने को मिले हैं इसके अलावा भी कई छोटे-मोटे कारण हो सकते हैं जो कभी-कभी ही देखने को मिलते हैं पर मैंने मेरी जिंदगी में ऐसे कई सारे केस सॉल्व किए हैं या उनका समाधान किया है जिसमें तुम लोगों की एक छोटी सी भूल या जन्मपत्रिका को मिलाने में एक छोटी सी भूल की वजह से यह घटनाएं घट जाती है जिसका बड़ी बारीकी से अध्ययन करके समाधान किया जा सकता है तो यदि आप लोग भी इस तरह की की किसी भी समस्या का समाधान चाहते हैं तो हमसे संपर्क कर सकते हैं।
No Comments